हाथ और गर्दन अकड़ जाती है, पलकें एक जगह रूक जाती हैं, रोगी हाथ पैर पटकता है, जीभ अकड़ जाने से बोली नहीं निकलती, मुँह से पीला झाग निकलता है
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मिरगी के १० घरेलु इलाज
शारीरिक तथा मानसिक रूप से कमजोर व्यक्तियों को मिरगी अधि कांश रूप से आती है। अत्यधिक शराब पीना, अधिक शारीरिक श्रम, सिर में चोट लगने से यह बीमारी हो सकती है। इस रोग में अचानक से दौरा पडता है और रोगी गिर पडता है। हाथ और गर्दन अकड़ जाती है, पलकें एक जगह रूक जाती हैं, रोगी हाथ पैर पटकता है, जीभ अकड़ जाने से बोली नहीं निकलती, मुँह से पीला झाग निकलता है।
दात किटकिटाना और शरीर में कपंकपी होना सामान्य रूप से देखा जाता है। चारों तरफ या तो काला अंधेरा दिखाई देता है या सब चीजें सफेद दिखाई देती हैं। इस तरह के दौरे 10-15 मिनट से लेकर 1-2 घण्टे तक के भी हो सकते हैं। पुनः रोगी को जब होश आता है तब थका हुआ होता है और सो जाता है। इसके घरेलू उपचार निम्न लिखित हैं।
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